Corona
बहुत दिन से सोच रहा था की करोना पर कुछ लिखूँ , एक दो समाचार वालों ने भी सम्पर्क किया और एक न्यूज़ चैनल ने भी इस संदर्भ में कुछ कहने लिखने को , लेकिन मैंने मना कर दिया ।
ख़ैर अब तो करोना के मरीज़ कम हो रहे हैं लेकिन अभी भी सजग रहने की ज़रूरत है ।
देखिए ऐसे है कि बुखार होने पर जीभ का स्वाद पहले भी कड़वा या ख़राब होता था , परिवार मैं एक जन को खाँसी होने पर पहले भी एक दूसरे को फैलती थी , और ऐसे होने पर हम एक दूसरे से थोड़ा दूर रहते थे ।
पहले भी 5-7 दिन बुखार होने पर माँ कहती थी , घर पर आराम कर लो , खाना ठीक से खाओ , ज़्यादा खाँसी ज़ुकाम होने पर डॉक्टर को सम्पर्क करो और अगर हालत बिगड़े तो अस्पताल में जाएँ
अभी भी ऐसे ही है ।
यह लेख इस बात पर बहस का नहीं है कि करोना है या नहीं या यह सब एक मिथ्या है ।
अंग्रेज़ी में एक कहावत है कि ‘HOPE FOR THE BEST , BE PREPARED FOR THE WORST ‘ अर्थरथ ‘ अच्छे की उम्मीद करें और बुरे के लिए तैयार रहें ।
इसी तरह बुखार , ज़ुकाम , खाँसी होने पर अपने डॉक्टर से दवा लें , किसी भी हालत मैं ज़रूरी काम होने पर ही बाहर जाएँ , थोड़े दिन दोस्तों से सिर्फ फ़ोन पर बात कर लें, और बीमारी के लक्षण आने पर काम से छुट्टी लेके आराम करें और दवा लें ।
विटामिन ऐ , बी , ज़िंक इत्यादि सब हमारे आहार में है ,
इम्यूनिटी बूस्टर के लिए क़ुदरत ने हमें धूप , हवा , पानी , अच्छी नींद , ख़ुशी , और अपनो का प्यार दिया है , उसी का सेवन करें ।
डरें नहीं , घबराएँ नहीं सजग रहें , सचेत रहें ।
कुछ तकलीफ ज़्यादा होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें
ईश्वर से करोना की मुक्ति की प्रार्थना करते हुए
और आप सभी को नवरात्रि की शुभकामनाओं सहित
आपका अपना
डॉक्टर पुनीत
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